Well first of all I want to wish some special people...
Atal bihari Vajpayi ji-- Happy Birthday (25th Dec)(going to be 84 years..wowwwwwww....gr888 naaa..amazing..wonderful poet.....)(ek poetess dusre poet ko Live Long Life wish karti hai)
Gurpreet Singh(my friend) Happy Birthday (25th Dec)
Kamlesh(my aunt---buaji) Happy Birthday(25th Dec)
Arun(my cousin) Happy Birthday(in advance)(26th Dec)
n to all my readers......Merry Christmas..to all of you.....
well on this christmas I want to type some story on a child...a poor boy....I wrote this story(which i think opt for the today-christmas eve) in my school time..I got inspiration when I saw a puppy died on road by accident...that time I was not able to found out the opt title for this story...but now in my mind a title is there..i.e. Real Santa of a small Puppy
Is this title opt or not i don't know plzz you help mee out here..to find right/opt title for this story..plzz suggest me some right titles for this story.......
देव एक middle class का सीधा साधा 17 साल का लड़का था। उसके पापा एक सरकारी दफ्तर में छोटे से कर्मचारी थे। उसके घर की माली हालत ठीक न होने के कारन देव कभी भी अपना मनचाहा कोई भी सामान नहीं खरीद पाता था। उसका भी मन करता था की वो दुसरे लड़को की तरह अच्छे-अच्छे नए-नए कपड़े पहने जो की नए ज़माने के फैशन के हो। वो भी दुसरे लड़को की तरह खूब सारी मस्ती करना चाहता था। उसे भी सुंदर सुंदर नयी नयी चीज़ें चाहिए थी। एक बड़ी सी सड़क के किनारे गुमसुम सा सोच में डूबा हुआ देव..मन ही मन अपनी किस्मत को कोस रहा था। तभी उसका ध्यान एक तेज आती bike की ओर गया। bike बहुत जोर से आती हुई देव के पास से गुजरी एक बार तो देव भी डर गया था कि यह क्या हुआ। फिर जब bike चली गयी तो फिर सोचने लगा। मेरे पास भी bike होती तो मैं भी थोडा सा स्टाइल में रहता। फिल्मी हीरो की तरह bike चलाता। वोह मन ही मन अपने आपको bike चलते हुए देखने लगा। फिर दो मिनट के बाद फिर उसे वही bike की आवाज़ आई जो की इस बार दूसरी तरफ से आ रही थी। इस बार bike की speed कम थी। bike पे बैठा लड़का लगभग देव की उम्र का ही दिख रहा था। उसने नए फिल्मी हीरो की तरह designer shirt और jeans पहनी हुई थी। उसने इस शाम के समय भी काला चश्मा पहना हुआ था। देव को पता था उस काले चश्मे को बड़े पैसे वाले लोग Goggles या फिर sunglasses कहते है। मगर देव के दोस्त तो उसे धुप का चश्मा ही बुलाते थे। देव यह भी जनता था की उस लड़के ने वो धुप का चश्मा स्टाइल मारने के लिए ही पहना हुआ है वरना यहाँ धुप जैसा कोई मौसम नहीं था। शाम हो चुकी थी। वो bike वाला लड़का एक नयी फिल्म का गाना गुनगुनाता bike चला रहा था। बीच बीच में सीटियाँ भी मार रहा था। वो bike फिर से एक बार मूड कर वापस आई। इस बार वो लड़का लहरा लहरा कर bike चला रहा था। देव उसी को ध्यान से देखने लगा। bike फिर से दूर गायब हो गयी।
फिर अचानक देव को किसी कुत्ते की आवाज़ आई। उसने देखा की ठीक उसके सामने कुछ ही दूरी पर एक कुत्तिया सड़क के उस और मुह करके भौंक रही थी। देव ने उस ओर देखा जहाँ वो मुह करके भौंक रही थी तो देव की नज़र सड़क की उस और खड़े छोटे से पिल्ले(puppy) पे पड़ी जो की सड़क पार करने से डर रहा था। शायद उसकी माँ उसे इस पार आने को कह रही थी। गाडियाँ भी सड़क पे आ जा रही थी जिसकी वजह से वो पिल्ला डर रहा था। देव ने सोचा क्यों न उस पिल्ले को उसकी माँ के पास पंहुचा दूँ। तो देव सड़क पार करने लगा। तभी उसने देखा सड़क clear होते ही हिम्मत करके वो पिल्ला कुछ आगे बढ़ा और सड़क पार करने लगा। तभी देव ने देखा की वो bike वाला लड़का फिर से तेजी से bike ले कर आ रहा है। देव उस पिल्ले की और भागा। bike की speed बहुत तेज थी। देव ने bike की speed की परवा किए बिना पिल्ले को बचा लिया। पिल्ला उसके हाथो में ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था। उसके मिमयाने की आवाज़ से साफ़ समझ आ रहा था की वो कितना डर गया था। देव ने उसके धड़कते दिल को महसूस किया जो जोरो से धड़क रहा था। कु कु कु कर वो अपनी माँ को बुला रहा था। देव ने उस पिल्ले को उसकी माँ के पास पंहुचा दिया जो की अपने बच्चे के लिए बिलख सी रही थी।
तभी देव को तालियों की आवाज़ आई। उसने देखा सड़क के दोनों किनारे कुछ लोग खड़े हो कर उसके लिए तालियाँ बजा रहे थे। सब देव की तारीफ किए जा रहे थे और साथ ही साथ उस bike वाले लड़के को बुरा भला कह रहे थे। देव फिर अपनी रहा पे चल दिया और फिर से सोचने लगा की उस बइके वाले लड़के से अच्छा तो मैं हूँ। वो चाहे बड़े घर का लड़का हो पर देव तो बहुत अच्छा लड़का है। उसने एक जीव की जान बचायी है। वो bike वाला लड़का अपनी जवानी के नशे में चूर है और उस नशे में वो क्या कर रहा है उसे भी नही पता। आज वो एक जीव की जान ले लेता। और जबकि देव भी जवान है पर उसे पता है की वो क्या कर रहा है। उसने आज एक बहुत अच्छा काम किया है। उसके पास पैसा न हो पर अच्छे संस्कार है। उसके पास अच्छा पहनने को, अच्छा खाने को, स्टाइल मारने को भले ही कुछ नही पर उसके पास अच्छी सोच, दुसरो के लिए भलाई, बहादुरी,तेज दिमाग और एक बड़ा अच्छा दिल है। वो चाहे फिल्मी हीरो की तरह दिखता न हो पर असल ज़िन्दगी में वो एक हीरो ही है। असली हीरो। जिसने अपनी बहादुरी से एक नन्हे से पिल्ले की जान बचायी है। तभी देव ने फ़ैसला किया आगे से वो कभी अपने को कम नही समझेगा और न ही कभी ख़ुद की तुलना उन लड़कों से करेगा।
THE END
Note : This story is only a Fiction, not real story, It is only for inspirational.
Note:--यह कहानी मैंने उन तेज bike चलने वालो को एक सीख देने के लिए लिखी थी की ज़रा सी मस्ती, ज़रा सा स्टाइल, लड़कियों को दिखाने/पटाने का चक्कर में वो न जाने कितने मासूम जीवों की जिंदगियां सड़क दूर-घटनाओं ख़त्म कर देते है। और देव जैसे लोग सचमूच के देवता बन कर जीवों की जिंदगियां बचाते है। सच में देव उस puppy और उसकी माँ के लिए एक देवता, एक मसीहा, एक Santa बन कर आया था। या फिर उसे देवता/Santa ने अपना दूत बना कर उसे वहां भेजा था।
Note:--एक सीख और मिलती है इस कहानी से की हमें कभी भी अपनी सभ्यता अपने संस्कारों को नही भूलना चाहिए। दुसरे लोगो की हाव भावः देख कर या उनके चाल ढाल देख कर हमें कभी बिना सोचे समझे उन जैसी नक़ल नही करनी चाहिए। दुसरो की सही आदतों को अपनाना चाहिए फैशन और स्टाइल के नाम पर कुछ भी ऐसे ही नही अपनाना चाहिए।
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