पिता, एक ऐसा शब्द है,
जो आता माँ के बाद है.
पिता तुम मेरे करता हो,
तुम ही जीवन के धरता हो.
तुम्हारे बिना जीवन निर्जीव है,
क्या यह संसार तुम बिन सजीव है?
सभी जगह तुम मेरे छात्र हो,
तुम ही मेरे मन के भाव मात्र हो.
पिता तुम मेरे करता हो,
तुम जीवन के धरता हो.
माँ तो जीवन का आरम्भ है,
पर तुम तो आरम्भ से अंत तक हो.
संसार का आरम्भ , तुम ही अन्यत्र हो,
तुम ही संसार का आदि और अंत हो.
मेरी अभिलाषा है यही कि तुम मेरे सदा रहो,
दीया के संग बाती के भांति मेरे साथ सदा रहो.
पिता, एक ऐसा शब्द है,
जो आता माँ के बाद है.
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