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Sunday, December 14, 2008

जीवनसाथी (part 5)

अगले दिन शाम के 7 बजे अनमोल अपने नए घर की खिड़की पे खड़े कल शाम जिया और उसके बीच हुई बातचीत को समझने की कोशिश कर रहा था। रोशन उन दोनों को घर में छोड़ कर कुछ पार्टी का सामान लेने बाज़ार चला गया था। तब जिया ने अनमोल को बताया की जिया और रोशन अब एक साथ यहाँ रहने लगे है। जिसे लोग LIVE IN Relationship कहते है। जिया चाह कर भी किसी को नही बता पायी। बस शिल्पा को ही इस बारे पता है। जिया घर से जल्दी इसीलिए आ गई थी क्योंकि उसे लग रहा था की वो अब रोशन के बिना नही रह सकती। तब रोशन और शिल्पा ने उसे LIVE IN Relationship के बारे में बताया। शुरू में जिया को यह सब ठीक नही लगा था इसीलिए उसने मना किया। पर जब शिल्पा ने उसे समझाया कि रोशन उसे बहुत प्यार करता है और इस तरह के रिश्ते में कोई प्रॉब्लम नही है। यह तो आजकल आम बात है। जिया को भी रोशन की जिद्द के आगे झुकना ही पड़ा। जिया ने अपने घर वालो को भी नही बताया क्योंकि वो जानती थी की उसके घर वाले यह कभी इस बिन शादी के रिश्ते को स्वीकार नही करेंगे। फिर भी पता नही क्यों वो रोशन के साथ रहने लगी जहाँ सब उसे रोशन की पत्नी समझते है। जिया अनमोल से भी यही चाहती थी की वो यह बात अब किसी और को ना बताये। जैसा चल रहा है वैसा ही चलने दे। न तो कॉलेज में किसी को बताये न ही यहाँ घर के आस पास किसी को बताये। रोज़ जिया को रोशन उसके ऑफिस से लेके घर आता था। मगर कल वो उसे शिल्पा के यहाँ से उसे ला रहा था। जिया शिल्पा के साथ कुछ खरीदारी करके आई थी इसीलिए उसके कपड़े बदले हुए थे। फिर रोशन के आते ही तीनो ने रोशन का लाया हुआ खाना खाया। इस बीच अजीब सी शान्ति थी। न तो अनमोल कुछ बोल पा रहा था और न ही वो लोग कुछ बोल रहे थे। कई दिनों तक अनमोल के मन में यही सवाल उठता रहा कि जिया रोशन के साथ सही मायनो में इस तरह रहना चाहती है। या वो इस रिश्ते से खुश है या नाखुश। या फिर डरी हुई है रोशन को खो देने के डर से। लेकिन जिया तो बोल रही थी वो रोशन के साथ बहुत खुश है। फिर भी अनमोल को बहुत अजीब सा लग रहा था कि कोई खुश कैसे रह सकता है जबकि वो इस खुशी को किसी और के सामने ही न जाहिर कर सके। चोरी छुपे किए हुए कामो में किसी को क्या खुशी मिलती होगी।

तीन चार महीनो बाद अनमोल जिया को लेने उसके घर गया। "जिया...जिया... जल्दी करो कॉलेज के लिए देर हो रही है। रोशन चला गया क्या...?" अनमोल ने जिया से पुछा जो कि पूरी तरह से तयार नही थी।"
हाँ बस पाँच मिनट दो अभी बाल बना के आती हूँ। जब तक तुम मेरा लंच बाँध दोगे क्या अनमोल। हाँ रोशन तो ऑफिस के लिए कबका निकल गया है।" जिया ने बोला। अनमोल जल्दी जल्दी जिया का खाना बाँधने लगा। जिया भी जल्दी से बाल बनाने लगी। "अनमोल जरा लंच को उस लाल बैग में रख दो। मैं sandle पहन लेती हूँ। " जिया ने अनमोल को अगला काम बताया। अनमोल करता क्या न करता चुप चाप लंच को लाल बैग में रखने लगा। अचानक उसकी नज़र लाल बैग के अंदर पड़ी। उस बैग में जिया के कपड़े भी थे। और साथ ही में एक बड़ा बैग और रखा हुआ था। अनमोल कुछ समझ पाता इस से पहले ही जिया कि आवाज़ उसके कानो तक पड़ी। "चलो मैं तयार हूँ।....ओह !! हाँ आज सामान कुछ ज्यादा है। वो मुझे शिल्पा के यहाँ जाना है कुछ दिनों के लिए।"अनमोल यह सुनकर थोड़ा परेशान हो गया। उसकी परेशानी देख जिया फिर बोली "रोशन के चाचा कल यहाँ आ रहे है तो रोशन ने मुझे बोला कि मैं जब तक शिल्पा के यहाँ रह लूँ। अब जल्दी चलो वरना देर हो जायेगी। पहले यह सामान शिल्पा के यहाँ भी छोड़ना है। शिल्पा भी इंतज़ार करती होगी।....चलो चलो न।" जिया अनमोल को खीचते हुए बाहर ले गई।

दो दिन बाद जब अनमोल ने अपने घर से बाहर देखा तो उसे रोशन के घर के सामने बहुत सारे लोगो की भीड़ नज़र आई। अनमोल बाहर आया तो उसे पता चला कि रोशन ने कई महीनो से मकान मालिक के समझाने के बाद भी घर का किराया नही दिया है इसीलिए उसके मकान मालिक ने पुलिस बुलाई है। अनमोल ने बहुत बीच बचाव करने कि कोशिश कि मगर मकान मालिक मान ही नही रहा था। रोशन बोल रहा था कि उसकी नौकरी लग गई है और अब सब ठीक हो जाएगा मगर मकान मालिक पर कोई भी बात असर नही कर रही थी। अनमोल के पास भी कुछ खास रकम नही थी जिस से वो मकान मालिक का मुह बंद कर सके। पुलिस रोशन को वहां से ले गई।

अगले दिन अनमोल जिया के साथ रोशन को छुडाने पुलिस स्टेशन भी गए मगर वहां पता चला कि रोशन के घरवाले सुबह ही आ कर उसे ले गए। वापस घर आकर देखा तो रोशन वहां भी नही था। जिया का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था। काफ़ी देर से उसे फ़ोन भी लगाया मगर रोशन का फ़ोन तो बंद था। पूरा दिन रोशन को ढूढ़ते ढूढ़ते जब वो दोनों थक गए तो अनमोल ने जिया को शिल्पा के यहाँ छोड़ दिया और ख़ुद भी घर आ गया। रोज़ वो पड़ोसियों से रोशन के बारे में पूछता कि वो आया था सामान लेने तो सब उसे यही कहते कि उस दिन पुलिस के साथ ही उसे देखा था।


to be continue....
Note : This story is only a Fiction, not real story, It is only for inspirational.


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