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Tuesday, January 6, 2009

प्रिय पाठकों

प्रिय पाठकों (readers)

मैं आज अपने सभी पाठकों को तह दिल से अपना बहुत बहुत आभार प्रकट करना चाहती हूँ। मेरी दोनों नारी जीवनों के उपर लिखी गई कहानियो को खूब सराहा गया। सबने उसे बड़ी ही प्रेम भावः से स्वीकार किया। मैं जानती हूँ की सीमा और जिया जैसे पात्रों को यहाँ मेरे पाठकों ने खूब पसंद किया है। उनके इस प्यार और इस सहयोग के लिए मैं और मेरी कहानियो के पात्र बहुत बहुत प्रसन्न है। मैं जानती हूँ मेरे कई मित्र(पाठक) मेरी इस बात को नही मानेंगे और मेरी इस प्रसंता को प्रकट करने की छोटी सी कोशिश को सह भावः से नही स्वीकारेंगे। मेरी इस उपलब्धि को वो मेरे ही लेखन को महान बता कर बचने की भर पूर कोशिश करेंगे। जबकि सच तो यही है की लेखक अपने लेखों को तभी अच्छे से जान सकता है जब वो अपने लेखों को अपने पाठकों की नज़र से देखे। और जब मैंने अपनी कहानियो की प्रसंता आप लोगो के प्यार भरे comments में देखी तभी सच मानिए मुझे अपने ही लेखों से और प्यार हो गया। मेरे हर लेख को अपने सहर्ष स्वीकारा है। और अब यही उम्मीद करती हूँ की इस लेख को भी आप अपना प्यार देंगे।

जैसा की आप सबको याद होगा... मेरी दो कहानियाँ "nimmo bua" और "जीवनसाथी" जिनको अपने अपना बहुत प्यार दिया। उनके प्रमुख पात्र "सीमा" और "जिया" को भूले नही होंगे यही उम्मीद करती हूँ। क्योंकि मेरी अगली कहानी भी एक ऐसी ही नारी की है। "शिल्पा" जी हाँ...शिल्पा जिया के साथ उसके हॉस्टल में रहने वाली लड़की की कहानी। शिल्पा कोई और नही बल्कि सीमा की ननद है। जी हाँ क्षितिज की बहन है शिल्पा। यह कहानी जब से शुरू है जब शिल्पा की ज़िन्दगी में सीमा और जिया दोनों में से कोई भी नही था। जी हाँ.....जब उसकी जिंदगी में उसके माँ-बाप और एक बड़ी भाई के इलावा कोई भी नही था। उसका भाई क्षितिज भी उस से 4 साल बड़ा होने के कारन उसकी सभी उलटी पुलती बातों को नज़र-अंदाज़ करता था। छोटी होने की वजह से वो सबकी लाडली थी। खेर अभी मैं शिल्पा की कहानी शुरू नही करने वाली..पर हाँ जल्द ही करुँगी। उम्मीद है आप उसे भी उतना ही प्यार देंगे जितना अपने सीमा और जिया को दिया है। बस थोड़ा इंतज़ार करिए। जल्द ही वो कहानी मैं आपके समक्ष पेश करुँगी।

धन्यवाद

आपकी प्रिय लेखिका (कहानी लिखने को अग्रसर है)

हेमा

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