About Me

Wednesday, November 5, 2008

मैं एक लड़की हूँ

Yesturday i saw a news regarding three or more newborn babies found in garbage...how these mothers do to thier small child...how can they think that the small baby can survive with out a mother...i know we are claiming that its a 21st century we r mordern..nowadays women n men r equal..etc etc..but then y r these happenned....even today unborn baby is abort during pregnancy..when it is found that its a girl baby....how even a literate family do that shameless thing..how thier soul allow them to such things.....I m so upset...i just express my self by this poem...

मैं एक लड़की हूँ

मैं एक कली हूँ खिलने दो मुझे....
मैं एक सुगंध हूँ महकने दो मुझे...

क्यों है यह बंधन क्यों है यह सीमाए,
क्यों है यह उदासी क्यों है इतनी यहाँ पीडाए॥
क्यों आज भी मैं लक्ष्मी होकर पराई हूँ
क्यों आज भी बहु ही रहकर बेटी नही बन पायी हूँ॥

मैं एक रत्न हूँ चमकने दो मुझे....
मैं एक कंगन हूँ खनकने दो मुझे...

आजाद होने को मन था कबसे बेताब..
पाना चाहती थी बस अपना बराबरी का खिताब
आजाद होकर भी मैं अभी भी कैद हूँ
साथ चलते हुए भी मैं कितनी पीछे हूँ

मैं एक तार हूँ बजने दो मुझे..
मैं एक जल तरन हूँ चलने दो मुझे....

खुला आसमान है फिर क्यों मुझे उड़ने नहीं है देते..
क्यों पर निकलने से पहले ही मुझे तुम बाँध है देते..
क्यों हमको माँ ने ही नहीं दिया सहारा
क्यों बाप ने ही कर दिया यूँ पराया

मैं एक सुंदर परी हूँ उड़ने दो मुझे..
मैं एक बाबुल की चिडी हूँ चहकने दो मुझे..

क्यों नहीं है आज सबके पास मेरे सवालो के जवाब..
क्यों अपना ही हमसफ़र राह में पहन लेता है नकाब..
जब बात आती है साथ देने की तो क्यों वो गुम हो जाता है
जब बात होती है मुझको समझने की तो क्यों वो मुझे ही समझाता है

मैं एक रौशनी हूँ फैलने दो मुझे..
मैं एक रंग हूँ रंगने दो मुझे....

हर कन्या को हर कोई माँ दुर्गा कह पूजता जहाँ..
क्यों जन्म देते ही मरती लड़कियां वहां..
लड़को के अरमानो को है पूरा किया जाता
क्यों लड़कियों को ही है दबाया जाता

मैं एक तितली हूँ बगिया की होने दो मुझे
मैं एक बरखा हूँ हर तरफ़ बरसने दो मुझे

मैं एक कोख हूँ पनपने दो मुझे....
मैं एक बीज हूँ अंकुरित होने दो मुझे..
मैं एक तस्वीर हूँ अस्तित्व्त लेने दो मुझे..
मैं एक मिटटी हूँ कोई रूप लेने दो मुझे...
मैं एक खवाब हूँ पूरा होने दो मुझे...
मैं एक दिल का अरमान हूँ मचलने दो मुझे...
मैं एक खुशी हूँ खुल कर हसने दो मुझे...
मैं एक लड़की हूँ इस जहाँ में जीने दो मुझे...
मैं एक डरी सहमी आखें हूँ देखने दो मुझे...
मैं एक अन्जन्मी लड़की हूँ इस कोख से जन्म लेने दो मुझे..

No comments: