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Thursday, November 13, 2008

ज़रा गौर फ़रमाए (1)

1) हम तड़पते है दिन रात,
कहने को तुमसे एक बात।
अब क्या कहने को बाकी रहा,
सब कुछ बयां करती है यह रात॥

2) बिन बोले bye वो चले गए।
ऐसा लगा वो हमें ही बेवफ़ा कह गए॥
sms किया उसने तो पता चला,
कि वो तो अपनी वफ़ा निभा गए।
बस हमे ही बिन मौका दिए,
वो वफ़ा पे दो बातें सुना गए॥

3) कोई नही है।
अजी, कोई भी तो नही है॥
एक बस हम है और हमारी तन्हाई है।
क्या मेरे दिल में बजती हुई कोई शेनाई है॥
अगर कोई होता तो उसे सब बताती।
यह अपने दिल की सारी बातें मैं सब से इस तरह क्यों छुपाती॥
एक बस हम है और हमारी तन्हाई है।
क्या मेरे दिल में बजती हुई कोई शेनाई है॥

4) तुमसे मुझको कहना है यहीं।
कि तुम बिन मुझको जीना नहीं॥
तुमसे बिछड़ के जाए कहाँ।
तुम्ही से तो है यह प्यार भरा जहाँ॥
तुम बिन मेरी राते हैं सुनीं।
तुम बिन मेरी बातें हैं अधूरी॥
तेरी आँखों से देखे मैंने सपने हंसी।
तुम्हारे सिवा कोई और मेरे दिल में नहीं॥

5) मेरे दिल के पागलपन की ऐसी हद थी।
यह मेरी उनसे मिलने की कैसी जिद्द थी॥

6) ख्वाब में भी ख्वाब देखूँ तेरा।
क्या कहूँ कितना हसीन ख्वाब है यह मेरा॥

7) जब तुम दूर होते हो तुम यादो में आते हो।
जब तुम करीब होते हो तो तुम बहुत सताते हो॥
यह प्यार की डोर ही तो है जो दो दिलो को ऐसे जोड़े है।
तुम्हारे साथ बिताये कितने सारे पल है फिर भी वो बहुत थोड़े है॥

8) try try i m always keep trying
becoz nothing will be mine if i m crying

9)दूर जब कोई हो और यादें हमको हर पल सताए,
हम यहाँ तडपे उसके लिए और वो वहाँ हँसे हँसाए।
सोचते है हम भी कुछ ऐसा कर जाए कि उसकी यादों को दिल से न लगाये,
दिल को बार बार समझाए पर कोई क्या करे जब उनकी याद सताए॥

10)किसी के इतने करीब ना जाओ कि दूर जाना मुश्किल हो जाए।
किसी को इतना न चाहो कि भूल जाना ना मुमकिन ही हो जाए॥

11) वाह वाह करने वाले हमें बहुत है मिले,
दिल की बातों को समझने वाले कहाँ है मिले।
अब तो दिल की बातों को अपने तक ही रखते है,
फिर न जाने कोई कहाँ कब अपनी सुनाने वाले ही मिले॥

12) ख्वाबों का क्या है वो तो आते ही रहते है, ख्वाबों के लिए सच को नहीं झूटलाना चाहिए।
हकीकत भी उतनी खुबसूरत हो सकती है, बस हकीकत को पहचानना आना चाहिए॥

13)तुम नाराज़ हो,माना तुम्हारा नाराज़ होने का हक है।
पर हम तो मनाएंगे...क्योंकि हमारा मानाने का मन है॥

14)हाँ काश के कोई होता दिल के इतने करीब।
और उसको कह सकते हम अपना नसीब॥

15)दिल की बातों को दिल ही जाने हम तो यह जाने है कि वो हमारे है।
कितने भी दूर हो वो हमसे पर यह फासले भी तो हमारे है॥

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