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Saturday, November 15, 2008

ज़रा गौर फ़रमाए (2)

16) दिल की तड़प को क्या बखूबी शब्दों में पिरोया है।
दिल की दुःख भरी यह दास्तान सुन मेरा दिल भी रोया है॥

17)कोई नहीं है फिर मेरा दिल क्यों बार बार किसी को अपना बनाने को मजबूर करता है।
फिर ना जाने क्यों इस मतलबी दुनिया में वो किसी का इतना इंतज़ार करता है॥

18)यह दिल की बातें है हर किसी को भाँती है,
हर किसी को.. किसी न किसी की याद दिलाती है।
लिखता कोई है.. कहता कोई है और.. किसी और को बहलाती है,
किसी को भी सुनाओ.. सबको अपनी आप-बीती ही लगने लग जाती है॥

19)मेरे आने से भी बागो में बहार ना आई अब न जाने क्या होगा।
न जाने कब इन अजनबियों की महफिल में हमारा नाम भी दोस्तों में शामिल होगा॥

20)अगर मेरे यहाँ होने से अगर कोई बेवजह नाराज़ हो।
तो इससे अच्छा है कि मेरा यहाँ फिर कभी आना ही न हो॥

21)कोई तो है यहाँ जो मेरा दोस्त है।
इतनी भीड़ में भी वो देखता सिर्फ़ मुझको है॥
वरना सब यहाँ हैं एक दुसरे में खोने वाले।
किसी न किसी को एक दुसरे के पीछे करने वाले॥

22)ज़रा सा ज़िन्दगी को हल्का कर और जी, प्यार के लम्हों को बड़ा कर और ले चुस्की।
मगर इस तरह बेफिक्र होकर भी न जी, कि तुझे ख़बर ही न हो और किसी की॥

23)यह तो दिल के लब्ज़ है अपने आप शायरी का रूप ले लेते है
हम तो बस दिल की कहते है और लोग हमें शायर कह देते है

24)बस यू ही ऐसे ही मस्त लाइन बन गई बातों बातों में
दिल के अरमानो को शायरी की शक्ल मिल गई बातों बातों में

25) दोस्त तू कहे तो किताब क्या, कहानियो की लाइब्रेरी लिख दूँ
बस दिल की जो बातें है उनको तू कलम दे और मैं उन्हें शब्दों की शक्ल दे दूँ

26) अरे यार तेरे पीछे ना जाने मैने क्या क्या कह दिया
बातों ही बातों में मैंने देखो बहुत कुछ कह दिया

27)problem, problems, around, surround, they are always here and there,
but I know they all can be handled as I always found my friends there

28) हम उन में से है जो सागर में नहीं उतरते है।
बस किसी को डूबता देख कर उसकी गहराई को नाप लेते है॥

29) आज शायद किसी की आत्मा हम पर मेहरबान हैं,
यह मेरी नहीं यह उन्हीं की जुबान हैं।
बातों बातों में ही लाइन बना लेती हूँ,
ये उनका ही एक अंदाज़ हैं॥

30) हम किसी के लिए नहीं आते किसी के लिए नहीं जाते।
बस लोग सामने से गुजर जाते है और हम किसी को नज़र नहीं आते॥

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